wheat stock limit: खुदरा बाजार में गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने पहले ही सख्त कदम उठाए हैं। जमाखोरी (Hoarding) के संबंध में एक बड़ा आदेश जारी किया गया है। wheat stock limit: सरकार ने थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं दोनों के लिए गेहूं के भंडारण की सीमा (Stock limit ) तय कर दी है। इस सीमा का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
संजीव चोपड़ा (sanjeev chopra) केंद्रीय खाद्य सचिव ने सोमवार को कहा कि सरकार ने खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं, प्रोसेसर और बड़ी श्रृंखला खुदरा विक्रेताओं के लिए गेहूं भंडारण की सीमा तय की है। ऐसा जमाखोरी को रोकने और कीमत को स्थिर करने के लिए किया गया था। हर शुक्रवार को, बड़ी श्रृंखलाओं, प्रोसेसर और थोक विक्रेताओं सहित सभी आकार के खुदरा विक्रेता (retail salesperson) अपने पास मौजूद गेहूं की मात्रा बताएंगे।
wheat stock limit: स्टॉक लिमिट की तय की सीमा ,मीडिया रिपोर्टों के कारण स्टॉक सीमाएँ लगाई गई
wheat stock limit in 2024:“मैं देश में गेहूं की कमी पर चर्चा करना चाहूंगा। चोपड़ा ने कहा कि वर्तमान में गेहूं के निर्यात (export) पर प्रतिबंध है और इसमें बदलाव की कोई योजना नहीं है। हम चाहते हैं कि गेहूं की कीमतें स्थिर रहें। चूंकि देश में गेहूं की कीमतों में वृद्धि का खाद्य महंगाई (food inflation) पर प्रभाव पड़ता है, इसलिए सरकार इससे निपटने के लिए कार्रवाई कर रही है। सरकार ने थोक विक्रेताओं के लिए 3,000 टन और प्रोसेसर के लिए 70 प्रतिशत की सीमा तय की है। खुदरा विक्रेताओं की बड़ी श्रृंखलाओं के लिए यह सीमा 10 टन प्रति केंद्र है। कुल सीमा 3,000 टन से अधिक नहीं हो सकती।
एकल खुदरा विक्रेताओं के लिए यह सीमा 10 टन है। चोपड़ा ने कहा कि हाल ही में मीडिया रिपोर्टों के कारण (due to media reports) स्टॉक सीमाएँ लगाई गई थीं, जिसमें कहा गया था कि गेहूं सहित आवश्यक वस्तुओं के मूल्य बढ़ रहे हैं। जमाखोरी को रोकने के लिए स्टॉक सीमाएँ लगाई गई है। देश में शुरुआती गेहूं का स्टॉक 1 अप्रैल 2023 को 82 लाख टन था। 1 अप्रैल 2024 को यह 75 लाख टन था। पिछले साल 266 लाख टन गेहूं की खरीद की गई थी। इस साल भी सरकार खरीद जारी रखे हुए है 262 लाख टन खरीद की है। इस प्रकार देश में गेहूं की कमी (Wheat shortage in the country) केवल 3 लाख टन है।