J&K Doda terrorist attack दोनों जवानों के पार्थिव शरीर अब जयपुर एयरपोर्ट से सेना के वाहन से सड़क मार्ग से उनके गांव बुहाना तहसील झुंझुनू ले जाए जाएंगे, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। J&K Doda terrorist attack जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए झुंझुनू के दोनों जवानों के पार्थिव शरीर विशेष विमान से जयपुर पहुंचे हैं। सुबह करीब 10 बजे स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर (Gajendra Singh Khinvsar) और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) के साथ ही नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूलिया दोनों शहीदों को श्रद्धांजलि देने एयरपोर्ट पहुंचकर दोनों शहीदों को श्रद्धाजलि अर्पित की।
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J&K Doda terrorist attack: राजस्थान के मंत्री ने कहा कि
Jaipur Airport इस दौरान मंत्री अविनाश गहलोत (Avinash Gehlot) ने कहा कि सेना और सरकार ईंट का जवाब पत्थर से देगी। अब दोनों जवानों के पार्थिव शरीर को एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से झुंझुनूं के बुहाना तहसील स्थित डूमोली कलां (Doomoli Kalan) और भैसावता कलां (Bhaisavata Kalan) गांव ले जाया जाएगा। दोपहर बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। सेना का काफिला करीब 10 बजे गांव में पहुंचने वाला था। लेकिन देरी के कारण शव करीब 4 घंटे बाद परिजनों को सौंपे जाएंगे। दोनों शहीदों के घर श्रद्धांजलि देने के लिए भारी भीड़ जुटी हुई है। जैसे-जैसे दिन चढ़ता जा रहा है, लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है। लोग नम आंखों से सेना के ट्रक का इंतजार कर रहे हैं ताकि गांव के बेटे को अंतिम श्रद्धांजलि दे सकें।
J&K Doda terrorist attack: एक साथ ही आर्मी ज्वाइन की और एक साथ ही शहीद हुए
Jhunjhunu खुमा की ढाणी निवासी अजय नरूका और बिजेंद्र सिंह करीब 8 साल पहले एक साथ सेना में भर्ती हुए थे। दोनों ने एक साथ ट्रेनिंग की थी और एक साथ शहीद हुए। शहीद हुए दोनों जवान 10वीं राष्ट्रीय राइफल्स (10th Rashtriya Rifles) में सेवारत थे। शहीद जवान अजय नरूका 18 जुलाई को छुट्टी में अपने गांव आने वाले थे। बिजेंद्र का पांच दिन पहले ही गांव आने का कार्यक्रम था, लेकिन कार्यक्रम रद्द होने के कारण वह नहीं आ सके। इस दौरान एक हादसे में दोनों जवान शहीद हो गए। दोनों शहीद जवान विवाहित थे।
शहीद बिजेंद्र के पिता रामजीलाल किसान हैं और भाई दशरथ सेना में हैं। फिलहाल वह लखनऊ में तैनात हैं। सेना में भर्ती होने के अगले साल ही बिजेंद्र की शादी हुई थी। उनके दो बच्चे हैं। 4 साल का विहान और 1 साल का किहान। सोमवार को पत्नी का जन्मदिन था और परिवार को बेटे की शहादत (Martyrdom) की खबर मिली। इस खबर ने परिवार को तोड़ दिया। आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। वे अब अपने बेटे-पति के तिरंगे में लिपटे लौटने का इंतजार कर रहे हैं। गांव में हर कोई रो रहा है और चारों तरफ दुःख की लहर है।