Ajmer police: पुलिस को सूचना मिली कि सुरेश टोंक जेल में है और उसे डिग्गी पुलिस ने 24 जून को गिरफ्तार किया था। Ajmer police: सागवाड़ा पुलिस ने टोंक जेल से प्रोडक्शन वारंट के जरिए सुरेश (Suresh) को गिरफ्तार किया। सुरेश ने पुलिस के समक्ष दावा किया कि उसके पड़ोसी सुरेश ने ही नाबालिग से कथित दुष्कर्म किया है।
हालांकि पुलिस ने सुरेश की बात पर विश्वास नहीं किया और उसे कोर्ट में पेश किया। अजमेर के सरवाड़ थाना पुलिस (Sarwad Police Station) ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। पुलिस ने सरवाड़ में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी के नामजद को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।
Ajmer police: जब मामला सार्वजानिक हुआ तो कोर्ट ने जांच अधिकारी को फटकार लगायी
Accused of raping a minor arrested : मामला सार्वजनिक होने पर जांच अधिकारी ने कोर्ट को फटकार लगाई और असली आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए। सरवाड़ पुलिस ने अब आरोपी को भगोड़ा साबित कर दिया है। उस पर 10 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया है। केकड़ी के मोर गांव के सरपंच व ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि सुरेश जाट (suresh jaat) पुत्र जगदीश जाट (jagdish jaat) पोक्सो एक्ट (POCSO Act) में आरोपी है। गिरफ्तार युवक जगदीश का पुत्र सुरेश है। दोनों के पिता व नाम के साथ ही घर का पता, उम्र व पते लगभग एक जैसे हैं।
Ajmer police : दूसरे हमनाम व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भेजा
Sagwada police: इसके चलते जांच में लापरवाही बरतने वाली पुलिस ने असली संदिग्ध की बजाय हमनाम को ही गिरफ्तार कर कोर्ट (Court) में पेश किया। जानकारी के अनुसार 2 जून 2023 को पुलिस ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में दर्ज मुकदमे के मुख्य संदिग्ध बोनी चौधरी को गिरफ्तार किया था।अशोक पुत्र जोधाराम व सुरेश पुत्र जगदीश जाट दोनों केकड़ी निवासी हैं जो 21 दिसंबर 2023 से पुलिस की गिरफ्त से फरार चल रहे हैं। दोनों को पुलिस ने भगोड़ा घोषित कर 10 हजार रुपए का इनाम रखा हुआ है।
दोनों को गिरफ्तार नहीं कर पाने पर पुलिस ने अजमेर की पोक्सो कोर्ट संख्या 12 में अभियोग भी दायर किया है। जांच अभी लंबित है। सत्यवान (Satyavan) को डिग्गी पुलिस (Diggi Police) ने सूचना दी थी कि सुरेश टोंक जेल में है। सागवाड़ा पुलिस ने प्रोडक्शन ऑर्डर के जरिए सुरेश को टोंक जेल से गिरफ्तार किया। सुरेश ने पुलिस को बताया कि उसका पड़ोसी सुरेश ही नाबालिग से बलात्कार का आरोपी है। पुलिस ने उसकी बात पर यकीन नहीं किया (I did not believe it) और उसे कोर्ट में पेश किया गया।