Madan Rathore Tonk Visit शुक्रवार को यानी आज भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ कृषि ऑडिटोरियम टोंक में संगठनात्मक बैठक लेंगे। Madan Rathore Tonk Visit इस बैठक में देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव और आगे की रणनीति पर चर्चा होगी।राजस्थान में होने वाले छह विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।
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Madan Rathore Tonk Visit : पिछले दो चुनावों में बीजेपी इस सीट से हार चुकी है
Rajasthan Hindi News : देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर जीत के लिए उम्मीदवार (Candidates) तलाशने के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ आज सचिन पायलट के गढ़ टोंक के दौरे पर हैं। पिछले दोनों चुनावों में भाजपा इस सीट पर हारी है। ऐसे में राठौड़ आज अलग-अलग सत्रों में जिला पदाधिकारियों के साथ बैठक कर जीत का फॉर्मूला तलाशेंगे।
एससी और गुर्जर वोटरों के वर्चस्व वाली इस सीट पर बीजेपी के लिए कांग्रेस नेता सचिन पायलट और हरीश मीणा दो सबसे बड़ी चुनौती हैं। वे न केवल 2018 और 2023 के चुनावों के लिए टोंक और देवली में लगातार चुनाव जीत चुके हैं, बल्कि हरीश 2024 का लोकसभा चुनाव भी जीत चुके हैं। देवली-उनियारा सीट पर जातिगत समीकरणों को लेकर भी बीजेपी को दिक्कत आ रही है। मदन राठौड़ इस शुक्रवार को टोंक में होंगे, ताकि जीतने वाले उम्मीदवार की तलाश की जा सके। आज हम देवली-उनियारा में टिकट चाहने वालों की ताकत भी देखेंगे।
Madan Rathore Tonk Visit : राजस्थान के बीजेपी अध्यक्ष टोंक के कृषि सभागार में भाजपा के लिए संगठन बैठक लेंगे
मदन राठौड़ आज टोंक के कृषि सभागार में भाजपा के लिए संगठन बैठक लेंगे। इस बैठक में देवली-उनियारा उपचुनाव को लेकर चर्चा होगी, ताकि नई रणनीति बनाई जा सके। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी प्रभारी राधामोहन सैनी शामिल होंगे। साथ ही विजया राहतकर (सह प्रभारी), दामोदर अग्रवाल (प्रदेश महासचिव), जितेंद्र गोठवाल, हीरालाल नागर (प्रभारी मंत्री), ओमप्रकाश भड़ाना, प्रभु लाल सैनी, वरिष्ठ नेता प्रभु लाल सैनी, कन्हैया लाल चौधरी, निवाई विधायक रामसहाय वर्मा भी मौजूद रहेंगे।
2023 में हुए विधानसभा चुनाव में हरीश चंद्र मीणा लगातार दूसरी बार इस सीट से जीते हैं। उनके इस्तीफे के बाद अब यह सीट खाली हो गई है। उन्हें सचिन पायलट गुट का सदस्य माना जाता है। मीणा, गुर्जर, माली, धाकड़ और एससी मतदाता बाहुल्य इस सीट का इतिहास 1993 से 2023 चुनाव से पहले यही रहा था कि जिस दल का विधायक इस सीट से चुना जाता है, राजस्थान में उसी दल की सरकार बनती है।
2003 में इस सीट पर भाजपा विधायक प्रभुलाल सैनी (BJP MLA Prabhulal Saini) ने चुनाव जीता था। 2008 में कांग्रेस विधायक राम नारायण मीना (Congress MLA Ram Narayan Meena) जीते थे। 2013 में भाजपा उम्मीदवार राजेंद्र गुर्जर जीते थे। 2018 और 2023 में कांग्रेस उम्मीदवार हरीश मीणा जीते हैं।
इस विधानसभा में 12 से ज्यादा टिकट दावेदार
राजस्थान में भाजपा की सरकार है। देवली-उनियारा विधानसभा सीट के लिए एक दर्जन से अधिक उम्मीदवारों के नाम सामने आ रहे हैं , जिनमें पूर्व विधायक राजेंद्र गुर्जर भी शामिल हैं। अन्य उम्मीदवारों में विजय बैंसला, प्रभुलाल सैनी, नरेश बंसल, विक्रम गुर्जर, सीताराम पोसवाल, अलका गुर्जर, राजाराम गुर्जर, शिवजी राम जाट, राजकुमार मीणा, सुखबीर सिंह जौनापुरिया सहित शामिल हैं। हालांकि, जमीनी स्तर पर भाजपा का प्रतिनिधित्व केवल पूर्व विधायक राजेंद्र गुर्जर (Rajendra Gurjar) ही कर सकते हैं, जिन्होंने परिसीमन के बाद इस सीट से एकमात्र चुनाव जीता था।
इस विधानसभा में देवली-उनियारा में कुल मतदाता
देवली उनियारा विधानसभा सीट पर करीब 3 लाख 1 हजार 575 जातिगत मतदाता हैं। एसटी, मीना मतदाताओं की संख्या 65 से 63 हजार तक के बीच है। इसके अलावा 57-61 हजार एससी (SC), 54-57 हजार गुर्जर, 11-12 हजार माली, 14-15 हजार ब्राह्मण, 14-15 हजार जाट, 8-9 हजार वैश्य, राजपूत मतदाता लगभग 4 हजार, करीब 14 हजार मुस्लिम और 55-58 हजार अन्य जातियां हैं। इस क्षेत्र में कोई भी महत्वपूर्ण मुद्दा नजर नहीं आता।
यहां विकास और जाति (Evolution and caste) के आधार पर चुनाव लड़े जाते हैं। भाजपा ने गुर्जर जाति पर दांव खेलती है, जबकि कांग्रेस (Congress) ने मीणा जाति । निर्दलीय और अन्य दलों का इस सीट पर कभी खास प्रभाव नहीं रहा। भाजपा (BJP) और कांग्रेस के बागी प्रत्याशियों ने ही समीकरणों को प्रभावित किया है।