Rajasthan news lottery fraud जयपुर में निजी विकासकर्ता (बिल्डर्स )गरीब लोगों के हक के मकान उन्हें ना देखकर अपने खास लोगों को बांटने का काम कर रहे हैं ।मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत आरक्षित ईडब्ल्यूएस एलआईजी के आवासों की Rajasthan (news) lottery fraud करके ,इसको अपने खास लोगों को बांट रहे हैं। कंप्यूटर से फर्जी तरीके से निकाली गई लॉटरी की यह शिकायत जेडीए कमिश्नर के बाद अब प्रमुख शासन सचिव, मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री स्तर तक पहुंच गई है । यह मामला निजी खातेदारी की योजना केसर ग्रीन का है।इस योजना में गरीब वर्ग (ईडब्ल्यूएस एलआईजी )के लिए आरक्षित 97 भूखंडों की आवंटन 20 जुलाई को निकाली गई ।
भूखंड की लॉटरी जिस कंप्यूटर के द्वारा निकाली गई है ,उसमें उपयोग किया गया सॉफ्टवेयर ना तो जेडीए की आईटी विंग से वेरीफाई था और ना ही राजस्थान सरकार के डीओआईटी एजेंसी द्वारा। इस लॉटरी की विश्वसनीयता को लेकर कुछ आवेदकों ने पिछले दिनों जेडीए आयुक्त स्तर पर शिकायत भी की थी लेकिन उस पर अब तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है। इसके बाद पीड़ित लोगों ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री ,मुख्य सचिव और प्रमुख शासन सचिव, नगरीय विकास विभाग के स्तर पर की गई है। जेडीए के जोन -8 एरिया में निजी बिल्डर्स ने केसर ग्रीन योजना में आरक्षित 97 भूखंडों के लिए 21जून से 6 जुलाई तक आम लोगों से आवेदन मांगे गये ।आवेदनों की जांच करने के बाद योग्य आवेदकों की सूची 8 जुलाई को प्रकाशित की गई थी। सूची को प्रकाशित करने के बाद इन पर आपत्तियां मांगी गई और 20 जुलाई को जेडीए के तहसीलदार और अन्य कर्मचारियों की मौजूदगी में कंप्यूटर के जरिए लॉटरी निकाली गई लॉटरी से पहले दो बार डेमो लॉटरी निकाली गई जिसमें दो से चार व्यक्तियों के नाम आये लेकिन द्वारा लॉटरी निकाली गयी उसमें भी वही नाम आए जो डेमो में आए थे। लॉटरी के दौरान भी वहां पर कुछ लोगों ने जेडीए अधिकारियों को आपत्ति दी थी ,लेकिन अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की थी। इसके बाद आवेदकों ने इसकी शिकायत जेडीसी और सचिव स्तर पर भी थी लेकिन वहां पर भी इन शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं की । शिकायतकर्ताओं ने लॉटरी के समय कंप्यूटर में जिस सॉफ्टवेयर का उपयोग किया गया था उसकी विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए गये थे।