S Jaishankar ने श्रीलंका, मालदीव, बांग्लादेश के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की: केंद्रीय मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए श्रीलंका, मालदीव और बांग्लादेश के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की।
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S Jaishankar ने श्रीलंका, मालदीव, बांग्लादेश के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात के बाद जयशंकर ने उम्मीद जताई कि नई दिल्ली और माले मिलकर काम करेंगे। एक्स प्लेटफॉर्म पर जयशंकर की पोस्ट में लिखा है, “आज नई दिल्ली में मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात कर बहुत खुशी हुई। भारत और मालदीव के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद है।” एक्स प्लेटफॉर्म पर एक अन्य पोस्ट में जयशंकर ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात के बाद कहा, “आज बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात कर बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। भारत-बांग्लादेश मैत्री संबंधों में लगातार प्रगति हो रही है।”
प्रधानमंत्री मोदी की पिछली कैबिनेट में विदेश मंत्री रहे जयशंकर ने आज श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात की। जयशंकर ने एक्स पर लिखा, “आज सुबह नई दिल्ली में मेरा स्वागत करने के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की सराहना करता हूं। भारत-श्रीलंका संबंधों में निरंतर प्रगति को मान्यता दी।” कल शाम राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में लगातार तीसरी बार शपथ लेने के बाद मंच पर भारत के पड़ोसी देशों, हिंद महासागर क्षेत्र के नेता भी पीएम मोदी के साथ शामिल हुए।
S Jaishankar ने श्रीलंका, मालदीव, बांग्लादेश के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की
नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’, भूटान के पीएम शेरिंग तोबगे, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ, सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने मंच पर पीएम मोदी से हाथ मिलाया। नेताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का भी अभिवादन किया। सभी नेताओं ने एक समूह तस्वीर के लिए पोज भी दिए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नरेंद्र मोदी को पद की शपथ दिलाई, उसके बाद उनके मंत्रियों की टीम के अन्य सदस्यों ने शपथ ली। इस आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए विदेश मंत्रालय ने जोर दिया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगातार तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए नेताओं की यात्रा भारत द्वारा अपनी ‘पड़ोसी पहले’ नीति और ‘सागर’ दृष्टिकोण को दी गई सर्वोच्च प्राथमिकता के अनुरूप है।”