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Sharad Purnima ki Katha: आश्विन मास की पूर्णिमा को Sharad Purnima कहा जाता है। इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से चमकता है, और विशेष रूप से व्रत रखना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि व्रत का संपूर्ण फल तभी प्राप्त होता है, जब व्रत कथा का श्रवण या पाठ किया जाए।

Sharad Purnima ki Katha: चांदनी रात का रहस्य क्या है?

इस वर्ष Sharad Purnima 16 अक्टूबर 2024, बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन स्नान और दान को अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता के अनुसार, इस व्रत से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। Sharad Purnima के दिन चंद्र देव की पूजा का भी विशेष महत्व है।

पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन समुद्र मंथन से मां लक्ष्मी का प्रकट होना हुआ था। Sharad Purnima की रात को खुले आसमान के नीचे खीर रखने की परंपरा है, क्योंकि मान्यता है कि चांदनी रात में रखी खीर से औषधीय गुण बढ़ते हैं। व्रत कथा सुनने या पढ़ने के बाद ही व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

Sharad Purnima व्रत कथा

प्राचीन समय की बात है, एक व्यापारी की दो बेटियां थीं, जो धार्मिक और भक्तिपूर्ण स्वभाव की थीं। दोनों बहनें रोज भगवान विष्णु की पूजा करतीं और पूर्णिमा का व्रत रखती थीं। भगवान विष्णु की कृपा से दोनों का विवाह अच्छे परिवारों में हुआ।

हालांकि, छोटी बहन व्रत पूरा नहीं कर पाती थी और शाम को भोजन कर लेती थी, जिससे उसे व्रत का पुण्य नहीं मिल पाता था। वहीं, बड़ी बहन पूरी निष्ठा और श्रद्धा से व्रत करती थी, जिसके परिणामस्वरूप उसे पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई।

कुछ समय बाद, छोटी बहन ने भी व्रत करना जारी रखा, लेकिन उसकी संतान दीर्घायु नहीं होती थी। एक दिन, जब उसकी संतान का निधन हो गया, वह गहरे शोक में बैठी थी। तभी उसकी बड़ी बहन वहां आई।

बड़ी बहन के वस्त्रों का स्पर्श होते ही मृत शिशु जीवित हो उठा। यह देख छोटी बहन आनंदित होकर रोने लगी। बड़ी बहन ने तब उसे पूर्णिमा व्रत की महिमा समझाई। इसके बाद, छोटी बहन ने भी पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से व्रत किया और दूसरों को भी व्रत करने की सलाह दी।

Sharad Purnima व्रत से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है, जिससे जीवन में कार्य सिद्धि और सफलता मिलती है।

Sharad Purnima ki Katha

Sharad Purnima ki Katha: चांदनी रात का रहस्य क्या है?

National Hindi News: Sharad Purnima न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि आध्यात्मिक और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस दिन किए गए व्रत और पूजा से जीवन में शांति, समृद्धि और खुशहाली आती है।

यह भी पढ़ें – Neetu David: भारतीय क्रिकेट की मिसाल और प्रेरणा

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