Vishwakarma Aarti: Best Muhurat Timing, Rituals & Benefits: Vishwakarma Puja, जिसे Vishwakarma Jayanti के नाम से भी जाना जाता है, भगवान विश्वकर्मा को समर्पित एक पूजनीय त्योहार है, जो ब्रह्मांड के दिव्य वास्तुकार और मास्टर शिल्पकार हैं। इस वर्ष, यह त्यौहार 16 सितंबर, 2024 को मनाया जाएगा। पूजा शाम 07:53 बजे शुरू होगी, जो कन्या संक्रांति या भद्रा संक्रांति के साथ मेल खाती है, जो दिन के धार्मिक महत्व को बढ़ाती है।
Vishwakarma Aarti: Best Muhurat Timing, Rituals & Benefits
Significance of Vishwakarma Puja
भगवान Vishwakarma को दिव्य इंजीनियर के रूप में सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने भगवान कृष्ण के निवास स्थान द्वारका के पौराणिक शहर का डिजाइन और निर्माण किया और देवताओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले शक्तिशाली हथियारों को तैयार किया। उनका योगदान ब्रह्मांड के वास्तुशिल्प चमत्कारों तक फैला हुआ है, जिसमें विविध संरचनाओं और उपकरणों का निर्माण शामिल है। नतीजतन, Vishwakarma Puja निर्माण, इंजीनियरिंग, डिजाइन और विनिर्माण में शामिल पेशेवरों के लिए विशेष महत्व रखती है।
Vishwakarma Aarti: शिल्पकार, इंजीनियर, आर्किटेक्ट और विभिन्न उद्योगों के कर्मचारी अपने औजारों और मशीनों का सम्मान करके इस त्यौहार को मनाते हैं। Vishwakarma Aarti, इस दिन अपने संबंधित व्यवसायों में समृद्धि, सफलता और विकास के लिए प्रार्थना की जाती है। इस दिन कई लोग अपने औजारों का उपयोग नहीं करने की प्रथा रखते हैं, जो देवता के प्रति उनके सम्मान और भक्ति को दर्शाता है।
Rituals and Observances
Vishwakarma Puja का दिन पवित्र स्नान से शुरू होता है, उसके बाद कारखानों, कार्यालयों या कार्यशालाओं जैसे कार्यस्थलों पर जाते हैं। भले ही छुट्टी हो, कई भक्त पूजा करने के लिए अपने कार्यस्थलों पर जाते हैं। अनुष्ठानों के दौरान, औजारों, मशीनों और उपकरणों की पूजा की जाती है, जो कि चिकित्सकों की आजीविका में उनकी भूमिका के लिए एक श्रद्धांजलि है।
Vishwakarma Aarti, भक्तजन फूल, अक्षत (अखंडित चावल) और देसी घी से जलाए गए दीये (तेल के दीपक) के साथ-साथ मिठाई भी चढ़ाते हैं और समृद्धि और सफलता के लिए आशीर्वाद मांगते हैं। कई कार्यस्थलों पर सामूहिक पूजा के लिए भगवान Vishwakarma की मूर्तियाँ स्थापित की जाती हैं और सौभाग्य को आमंत्रित करने के लिए कार्यस्थल की सफाई पर जोर दिया जाता है।
संक्षेप में, Vishwakarma Puja ईश्वरीय निर्माता के प्रति श्रद्धा का दिन है, जो शिल्प कौशल, आस्था और समृद्धि के बीच गहरे संबंध को दर्शाता है। यह ईश्वरीय कृपा की याद दिलाता है जो विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति के लिए आवश्यक कौशल और उपकरणों को आधार प्रदान करती है।
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Vishwakarma Aarti: Best Muhurat Timing, Rituals & Benefits
जय विश्वकर्मा, जय जय विश्वकर्मा।
शुभ कारी, जय शुभ कारी।।
सृष्टि के कर्ता, जग के विधाता।
सकल कला में, श्रेष्ठ दिखाता।।
जय विश्वकर्मा, जय जय विश्वकर्मा।
शुभ कारी, जय शुभ कारी।।
सर्व प्रथम नित्य तुमको ध्यायें।
सिद्ध कारी हरि को नमन करें।।
जय विश्वकर्मा, जय जय विश्वकर्मा।
शुभ कारी, जय शुभ कारी।।
रचना हो तुम परम पुनीता।
तुमसे सुंदरता यह सृष्टि बनी।।
जय विश्वकर्मा, जय जय विश्वकर्मा।
शुभ कारी, जय शुभ कारी।।
हे सृष्टिकर्ता, दीन दयाला।
हम सब पर करना कृपा निराला।।
जय विश्वकर्मा, जय जय विश्वकर्मा।
शुभ कारी, जय शुभ कारी।।