नई दिल्ली 16 अगस्त: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ग्रामीण और शहरी भारत के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को समर्थन देने के लिए पीएम vishwakarma scheme को मंजूरी दे दी। इस योजना के शुभारंभ की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन के दौरान की थी। मंगलवार को 77वें स्वतंत्रता दिवस पर किला।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस योजना का वित्तीय परिव्यय 13,000 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि उदार शर्तों पर 1 लाख रुपये तक प्रदान किए जाएंगे। प्रधान मंत्री ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि यह योजना पारंपरिक कौशल वाले लोगों को सशक्त बनाएगी। आने वाले दिनों में हम विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर vishwakarma scheme शुरू करेंगे, जिससे पारंपरिक शिल्प कौशल में कुशल व्यक्तियों, विशेषकर ओबीसी समुदाय के लोगों को लाभ मिलेगा।
पीएम ने कहा कि बुनकरों, सुनारों, लोहारों, कपड़े धोने वाले श्रमिकों, नाई और ऐसे परिवारों को विश्वकर्मा योजना के माध्यम से सशक्त बनाया जाएगा। पीएम vishwakarma scheme का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता, पैमाने और पहुंच में सुधार करना और एकीकृत करना है। उन्हें घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखला के साथ। इसके परिणामस्वरूप ऐसे श्रमिकों, विशेष रूप से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े समुदायों, महिलाओं, ट्रांसजेंडर और समाज के अन्य कमजोर वर्गों से संबंधित लोगों का आर्थिक सशक्तिकरण होगा।